19 सितंबर 2024 को सीएसआर प्रोजेक्ट लाइफ (CSR Project Life), 3.0 (Luminous Initiative for Environment) के तहत वृक्षारोपण अभियान का सफलतापूर्वक शुभारंभ किया गया। आपको बता दे कि, जलवायु परिवर्तन के बढ़ते खतरों को रोकने के उद्देश्य से यह प्रोजेक्ट लुमिनस और ग्रीन ड्रीम फाऊंडेशन (एनजीओ) के सहयोग से चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम में कई मुख्य अतिथियों ने शिरकत की जिनमें, बी.डी.ओ. मानस मित्तल, वी.डी.ओ सुधीर चौहान, जिला पंचायत सदस्य विमलेश, ग्राम प्रधान कमलेश कश्यप, उप-प्रधान बिजेंद्र कुमार, बीडीसी और पंचायत के अन्य सदस्य एवं स्थानीय ग्रामीण कार्यक्रम का हिस्सा बने। लुमिनस की ओर से प्रकाश वश्रेय (एजीएम-प्रोडक्शन), चिराग ठाकुर (एजीएम- मेंटेनेंस), साक्षी चौहान (सीनियर मैनेजर- एचआर) और अन्य टीम सदस्य उपस्थित रहे।
आपको बता दें कार्यक्रम के दौरान बी.डी.ओ. मानस मित्तल ने आश्वासन दिया कि वृक्षारोपण स्थल से गुजरने वाले नाले का निर्माण सरकार द्वारा किया जाएगा और इस पहल के लिए हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी। इस अभियान के तहत 500 से अधिक पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है, जिनमें आम, अमरूद, संतरा, जामुन, नीम और पीपल आदि के पेड़ शामिल है।
वृक्षारोपण अभियान में उपस्थित सभी लोगों और ग्रामीणों द्वारा वृक्षारोपण अभियान भूरी-भूरी प्रशंसा की गई की गई, वही शिरकत करने वाले अधिकारियों ने भी इस कार्यक्रम की प्रशंसा की। यह वृक्षारोपण अभियान एक हरे-भरे और सतत भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और इसे पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
पर्यावरण-
हम प्रकृति (ईश्वर) द्वारा प्रदत्त दुनिया में रहते हैं, लेकिन पर्यावरण के बिगड़ने के पीछे मनुष्य ही कारण है। हमारे आस-पास की हर चीज़ पर्यावरण का निर्माण करती है। पृथ्वी विभिन्न पर्यावरणों से बनी है जिसमें सभी सजीव और निर्जीव चीजें सह-अस्तित्व में हैं। प्रकृति की जैविक, भौतिक और प्राकृतिक शक्तियाँ परस्पर क्रिया करके ऐसी परिस्थितियाँ उत्पन्न करती हैं जो जीवों को जीवित रहने देती हैं। पर्यावरण ऐसी परिस्थितियों का वर्णन करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है। पर्यावरण शब्द का व्युत्पन्न फ्रेंच शब्द ‘एनवायरन’ है, जिसका अर्थ है ‘घेरना’। पर्यावरण सभी जैविक (जीवित) और अजैविक (निर्जीव) चीज़ों से बना है। पौधे, जानवर, मनुष्य और कीट जैविक घटकों के उदाहरण हैं। उन्हें जैविक पर्यावरणीय घटकों के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। हर जीवित चीज़ का एक पूर्वनिर्धारित जीवन चक्र होता है। उदाहरण के लिए, मनुष्य ग्रह पर सबसे शक्तिशाली जीवित इकाई है। अपनी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए उसे पौधों और जानवरों की ज़रूरत होती है। इन घटकों के बिना, मनुष्य का जीवन अव्यवस्थित हो जाएगा। वायुमंडल, स्थलमंडल, जलमंडल और जीवमंडल सभी अजैविक/भौतिक घटकों के उदाहरण हैं। वायुमंडल एक गैसीय परत है जिसमें नाइट्रोजन, ऑक्सीजन और अन्य गैसें होती हैं। जलमंडल सभी जल निकायों, जैसे नदियों और महासागरों से बना है। स्थलमंडल पृथ्वी का ठोस बाहरी आवरण है। यह पृथ्वी के मेंटल, चट्टानों और मिट्टी को ढकने वाली पपड़ी से बना है। जीवमंडल, जहाँ जीवन मौजूद है, सबसे आवश्यक परत है। पानी, ज़मीन और हवा में पारिस्थितिकी तंत्र हैं। इन सभी प्रजातियों का जीवन एक दूसरे के साथ उनकी निरंतर बातचीत पर आधारित है। उनका कामकाज प्रकृति द्वारा व्यवस्थित है, और एक बार खर्च हो जाने पर, इसे समाप्त किया जा सकता है। पर्यावरण का विनाश अब एक बड़ा मुद्दा बन गया है जिसका समाधान मनुष्यों को करना चाहिए। कुछ संगठन पर्यावरण को बचाने के लिए वृक्षारोपण अभियान चला रहे हैं जो सराहनीय है।
लेखक – नेपाल गिरि